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हम अच्छे तो सब अच्छे

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कुछ समय से एक अच्छी छवि देखने को मिल रही है पुलिस महकमे में, जनता की सेवा में सदैव ततपरता के साथ जुटी रहती है, आज प्रशासन ब्यवस्था इतनी अच्छी है कि लोग एक बार अपराध करने से भी डरने लगे हैं।


कहीं न कहीं ये भी सच है कि आज जो कोई पढ़े लिखे ब्यक्ति हैं समाज मे वो दंगे लड़ाई झगड़े से बचना चाहते हैं और बचना भी चाहिए इससे आपको प्रशासन के साथ उलझना नही पड़ेगा और आपकी छवि अच्छी बनी रहेगी।

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समाज को चाहिए कि प्रशाशन को लड़ाई झगड़े में न उलझाकर किसी सामाजिक सुरक्षा, कार्यो में टाइम देने का मौका दें, अगर समाज साफ सुथरा होगा लड़ाई, झगड़े न होगें तो प्रशासन को और भी काम हैं वो उस काम को आसानी से कर सकती हैं।


कही कहीं देखने को मिलता है कि लोग प्रशासन पर ही उंगली उठाते हैं कि वो अभद्रता कर रही पुलिस या उसके कुछ सिपाही,, तो आप यकीन करें उस खाकी वाले कि सहनशीलता से ज्यादा आप उपद्रव कर चुके हैं तभी व्व रौद्र रूप में आते हैं।

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अभी हाल में ही मेरा एक थाने पर जाना हुआ आप यकीन करें जैसे लोगो मे डर बना रहता कि अभद्रता करते होंगे पुलिस वाले या तमाम तरह की जो भ्रांतियां बनी है लोगो के बीच मैं 2,3 घण्टे किसी काम से गया था ,जिस क्षेत्र से मामला था वहां के दरोगा जी होली मीटिंग में बिजी थे ।

क्षेत्र में पर उन्होंने अपना कीमती समय निकाल कर हमारे काम को समझा और उसपर त्वरित कार्यवाही किये ,एक वेरिफिकेशन था उसके चक्ककर में जाना पड़ा था।

हमें,पर वहां का स्टाफ आप समझिए कि लगा नही की हम थाने पर हैं, एक मेल जोल की भावना सबमे दिखी,,, मैं सभी पुलिस वालों का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ खासकर जिनसे मुलाकात हुई, सुरेंद्र सर, इरफान भाई, इमरान भाई, सरेन्द्र मुंसी जी और इम्तियाज सर सभी का स्वभाव एक पुलिस वाले से बढ़कर एक अभिवावक की तरह रहा, जैसे एक अभिवावक अपने बच्चों को उचित सलाह देते हैं सभी ने वैसा ही रवैया अपनाया।


मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि प्रशाशन को गलत न समझें वो है तो हम आप सुरक्षित हैं, लड़ाई झगड़े और अपराधों पर लगाम लगी है।।।

एक बार फिर पुलिस प्रशासन को दिल से शुक्रिया,,, आप हैं तो समाज सुरक्षित है ।।।

अंकुल त्रिपाठी निराला

प्रयागराज(विचारक)

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