खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया फरवरी के अंत तक 4,300 करोड़ रुपये जुटाने के लिए अनुवर्ती सार्वजनिक पेशकश (एफपीओ) के साथ आ सकती है। रुचि सोया का स्वामित्व पतंजलि आयुर्वेद के पास है, जिसके प्रमुख बाबा रामदेव हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
हम ध्यान दें कि रुचि सोया को एफपीओ लाने के लिए पिछले साल अगस्त में बाजार नियामक सेबी द्वारा अनुमोदित किया गया था। कंपनी ने जून 2021 में इसके लिए ड्राफ्ट दस्तावेज सेबी को सौंपे थे।
सेबी के नियमों के मुताबिक लिस्टेड कंपनियों के पास पब्लिक शेयर का कम से कम 25 फीसदी होना जरूरी है। इस नियम को पूरा करने के लिए रुचि सोया 4,300 करोड़ का एफपीओ ला रही है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी के एफपीओ की तैयारी अंतिम चरण में है और फरवरी के अंत तक शुरू हो सकती है।
मसौदा दस्तावेज के अनुसार, एफपीओ से प्राप्त पूरी राशि का उपयोग कंपनी के व्यवसाय को बेहतर बनाने, कुछ बकाया ऋणों को चुकाने और कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
रुचि सोया को पतंजलि आयुर्वेद ने 2019 में दिवालियापन प्रक्रिया के माध्यम से 4,350 करोड़ रुपये में खरीदा था। दिवालियेपन की प्रक्रिया के समय भी रुचि सोया एक सूचीबद्ध कंपनी थी।
फिलहाल प्रमोटरों के पास कंपनी में 99 फीसदी शेयर हैं। एफपीओ के इस दौर में कंपनी को अपने कम से कम 9 प्रतिशत शेयर सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए लाने होंगे।
सेबी के नियमों के तहत, प्रमोटरों के पास अपने शेयरों को 75 प्रतिशत तक कम करने के लिए तीन साल तक का समय होता है। रुचि सोया के शेयर शुक्रवार 11 फरवरी को 4.08 फीसदी की तेजी के साथ 843.25 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए।
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