कहा जाता है कि जिंदगी जब जीने का दूसरा मौका देती है तब जीने का नजरिया थोड़ा ही सही लेकिन बदल जरूर जाता है। पंजाब में पड़ी बढ़ी और थाने मुंबई की रहने वाली एक 54 वर्षीय कमलजीत कौर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। मार्च 2020 में जब हर तरफ से कोरोना ने लोगो को प्रभावित किया था, तब उनके साथ भी यही हुआ था। वह भी इस बीमारी से संक्रमित हो गई थी।
एक समय ऐसा भी आया जब इलाज के दौरान डॉक्टर ने उनके बचने की उम्मीद छोड़ दी थी। ऐसा भी वक्त उनकी जिंदगी में आया जब वह अपने परिवार में किसी न किसी को खो रही थी। हर तरफ परेशानियां थी।
एक बार तो कमलजीत के परिवार के सदस्य भी निराश हो गए थे, उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी। कमलजीत को भी यह लगने लगा था कि वह ठीक नहीं होंगी। लेकिन अचानक से उनकी तबीयत में सुधार होने लगा। खोई हुई उम्मीद वापस आ गई।
वह सोच रही थी कि ऐसा क्या था जिसकी वजह से उन्हें बीमारी से लड़ने की ताकत मिल पाई और वह पूरी तरह ठीक हो गई। तब उन्होंने बताया कि उन्हें अपने बचपन के दिन याद आई, जब वो खेतों से ताजे फलों और सब्जियों को खाती थी, भैंस का ताजा दूध पीती थी। उन्हें समझ आ गया कि खान-पान का असर ही था जिसकी वजह से उन्हें दोबारा जिंदगी मिल पाई।
बीमारी से मिला बिजनेस करने का आईडिया – कहा जाता है कि बुरा समय बहुत कुछ सीखा जाता है, जरूरत होती है बुरे समय को पॉजिटिव तरीके से लेने की। कमलजीत के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
कमलजीत ने बीमारी के दौरान कई तरह की शारीरिक परेशानियां झेली। लेकिन उन तकलीफो से बाहर निकलने के बाद उन्हें बेहतरीन बिजनेस आइडिया भी मिल गया। कमलजीत लुधियाना के एक छोटे से गांव में पली-बढ़ी हैं, जिसकी वजह से वह ताजे दूध का सेवन रोजाना करती थी।
गाँव ताजे दूध की कोई कमी नहीं थी। पनीर व दूध से बनी चीजें वह बेहद शौक से खाती थी। लेकिन लुधियाना के गांव से जब मुंबई शिफ्ट होने लगी तब उन्हें सबसे ज्यादा ताजे दूध की कमी खलती थी। कमलजीत बताती हैं कि मैं बचपन में कभी गंभीर रूप से बीमार नहीं हुई थी।
इसकी वजह है कि वह हमेशा ताजे फल, दूध, मक्खन, सब्जियों आदि का सेवन करती थी। हल्की सर्दी जुखाम जैसी चीजें साल में कभी कभार ही होती थी। लेकिन इसके अलावा उन्हें कभी कोई बड़ी समस्या नहीं हुई थी। लेकिन शादी के बाद वह मुंबई शिफ्ट हो गई। जहां पर उन्हें अक्सर सर्दी लगने की समस्या हो जाती थी।
मुंबई की भाग दौड़ भरी जिंदगी में ताजा खाना पीछे छूट गया था। कोविड-19 से ठीक होने के कुछ महीने बाद उन्होंने लगभग 3 महीने मार्केट रिसर्च किया साल। 2020 में के अंत में कमलजीत kimmu’s Kitchen को लांच किया किया। यह एक स्टार्टअप है।
इस स्टार्टर की खासियत यह है कि यहां पर फ्रेश बिलोना घी का यह स्टार्टअप है। लुधियाना के गांव में पारंपरिक तरीके से बनने वाले घी को बिलोना घी के नाम से जाना जाता है। इसमें किसी भी तरह के एडिटिव्स, प्रिजर्वेटिव्स या हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है।
लुधियाना से मुंबई मंगाती हैं दूध
कमलजीत मुंबई में रहती हैं। अपना बिजनेस शुरू करने के लिए शुरुआत के कुछ हफ्तों तक वहां के स्थानीय विक्रेताओं से दूध खरीद करती थी। लेकिन उन्हें कुछ कमी महसूस होती थी। उन्हें वह स्वाद नही मिल पा रहा था जो गांव से मिलने वाले दूध में होता था। उन्होंने अपने उत्पाद के स्वाद व गुणवत्ता से समझौता नहीं किया।
वह अपने गांव से मुंबई दूध लाने के तरीके की तलाश शुरू कर दी। वह हंसते हुए बताती हैं कि मैंने कभी भी स्टोर में घी नही खरीदा है। उनको उनके लिए ऐसा करना भगवान के अपमान जैसा है।
वह कहती हैं कि चाहे वह अपने माता पिता के पास लुधियाना में रहे या फिर शादी के बाद ससुराल वालों के साथ मुंबई में। उन्होंने हमेशा ही घी घर पर ताजा बनाया है, वह जिस स्वाद के साथ पली-बढ़ी थी उसे वह सभी लोगों तक पहुंचाना चाहती थी। इसी से उन्हें बिजनेस आइडिया भी आया था।
वह बताती हैं कि घी को कई तरीके से बनाया जाता है। लेकिन उनके द्वारा बनाया गया बिलोना घी का स्वाद कुछ अलग है। वह बिलोना तरीके से ही घी बनाकर इस्तेमाल करती हैं।
वह बताती हैं कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हम दही से घी बनाते हैं न कि सीधे मलाई से घी बनाते हैं। जबकि आमतौर पर बाजार में बिकने वाला ज्यादातर घी मक्खन या मलाई से ही बनाया जाता है
Kimmu’s Kitchen में ऐसे बनता है बिलोना घी
कमलजीत बताती हैं कि दूध से घी निकालने की बिलोना जी का तरीका पारंपरिक तरीका है वह थोड़ा लंबा है। लेकिन इसमें एक विशेष स्वाद और महक होती है। इसकी को बनाने के लिए सबसे पहले दूध को उबालकर ठंडा किया जाता है। फिर दूध में एक चम्मच दही डालकर रात भर के लिए उसे जमने के लिए छोड़ देते हैं।
फिर सुबह दही को मथ कर मक्खन को अलग किया जाता है। फिर इस मक्खन को धीमी आंच पर पकाया जाता है। इसमें मौजूद पानी भाप बनकर उड़ जाता है और शुद्धि घी रह जाती है। उनके किचन में घी बनाने के लिए सामान्यता भैंस के दूध का ही इस्तेमाल किया जाता है।
कमलजीत का व्यापार – कमलजीत बताती हैं कि कुछ दिन ऐसे होते हैं जब करीब 100 आर्डर प्राप्त हो जाते हैं और कुछ दिन ऐसे भी आते हैं जब आधे या फिर कोई भी आर्डर नहीं मिलता। ऐसे में यह बता पाना थोड़ा मुश्किल होता है कि बिजनेस कैसे चलेगा? लेकिन जिस तरीके से चीजें बढ़ा रही हैं उससे वह खुश हैं।
वर्तमान समय में कमलजीत के पास एक चीज एडवरटाइजर टेक्नोलॉजी ऑफिसर भी है। बिजनेस के सेटअप के बारे में वह कहती हैं कि हम किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
जब हम इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे थे तब कई चीजों को बदलना जरूरी था, जो बिजनेस के अनुकूल हो। वह बताती हैं कि इस बिजनेस को करने के लिए वह अपने साथ कई लोगों को जोड़ी। विशेष करके जिनके पास भैस हो। मौजूदा समय में उन्होंने कुछ बदलाव किए हैं।
जैसे कि उन्होंने अपने स्टोव में बदलाव किया है, जिसमें उन्हें करीब आठ लाख का खर्चा आया है। कमलजीत बताती हैं कि उनके बिजनेस की यूनिट जहां पर घी बनाया जाता है उसकी यूनिट लुधियाना के गांव में ही है। वह इसके बाद पैकेजिंग और वितरण के लिए वहां से इसे मुंबई लाते हैं।
घी की तीन अलग-अलग आकार की की बोतलें उपलब्ध है। जिसमें मात्रा के हिसाब से घी की कीमत बढ़ती जाती है। अगर आप भी कुमकुम स्टेशन के घी को खरीदना चाहते हैं तो kimmuskitchen.com पर विजिट करके log in कर सकते है।
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