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पिता को था  कैंसर फिर भी नहीं हारी हिम्मत मात्र 22 साल की उम्र में अपनी मेहनत और लगन के बल पर बन गई आईएएस

IAS success story of Ritika Jindal in Hindi
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भारत देश में संघ लोक सेवा द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा को बेस की कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है अर्थात हर साल लाखों अभ्यार्थी अपना सपने को पूरे करने की उम्मीद से इस परीक्षा में हिस्सा लेते हैं परंतु कुछ गिने-चुने निपुण अभयार्थी ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं, साथ ही साथ इस परीक्षा में अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल करने वाले अभ्यार्थी आने वाले कई अभ्यर्थियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं ।

कठिन परीक्षा में हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थी इस परीक्षा में प्रयत्न और लगन के साथ मेहनत करते हैं अर्थात खुद को निपुण करने के लिए कोचिंग और सेल्फ स्टडी का सहारा लेते हैं।

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यूपीएससी की परीक्षा में अपने पहले प्रयास में सक्षम होने वाले अभ्यार्थी प्रेरणा स्रोत के रूप में उभर आते हैं अर्थात कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं जो असफलता से हार मान लेते हैं परंतु कई अभ्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो लगातार असफलताओं से सीख लेकर प्रयत्न करके सफलता हासिल करने का हौसला रखते हैं ।

कुछ इस प्रकार के अभ्यर्थियों में से एक है रितिका जिंदल , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि रितिका जिंदल उन्हीं अभ्यर्थियों में से एक है जो असफलताओं से सीख लेकर सफलता हासिल करने का प्रयत्न करते हैं अर्थात कृतिका ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी में सफलता हासिल की है ।

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कहा जाता है कि जैसे जैसे कठिन परीक्षा को पास करने के लिए मेंटल और फिजिकल हेल्थ दोनों ही निपुण होनी चाहिए परंतु  रितिका जिंदल ने कड़ी मेहनत और लगन के साथ इस परीक्षा में अपनी मेंटल स्थिति को मजबूत करके सफलता हासिल की है ।

बचपन से है आईएएस बनने का सपना

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि रितिका जिंदल मूल रूप से पंजाब के मोगा की रहने वाली है, रितिका जिंदल बचपन से ही आईएएस बनना चाहती थी जिस प्रकार सभी बच्चे लाला लाजपत राय और भगत सिंह की कहानियां सुनकर बड़े होते हैं, उसी प्रकार रितिका जिंदल भी इन्हीं कहानियों के साथ बढ़ी हुई और हौसले को बुलंद करके अपने देश के लिए कुछ करना चाहती थी इसीलिए वह शुरू से आईएएस बनने का सपना देखती है ।

12वीं की टॉपर रही थी रितिका जिंदल

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि रितिका जिंदल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पंजाब से पूरी की अर्थात रितिका ने अपनी 12वीं की परीक्षा में सीबीएसई बोर्ड से टॉप किया था अर्थात वह नॉर्दर्न इंडिया की टॉपर रही थी ।

इसके बाद रितिका ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स कॉलेज से कॉमर्स के विषय में पढ़ाई करनी शुरू की और इस दौरान उन्होंने ग्रेजुएशन में 95 नंबर हासिल करके कॉलेज में तीसरा स्थान हासिल किया था ।

रितिका जिंदल ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के दौरान ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया था अर्थात उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन के साथ यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करने का निश्चय कर लिया था।

पहले प्रयास में रह गए नंबर कम

खबरों से पता चला है कि रितिका जिंदल ने ग्रेजुएशन से ही यूपीएससी की पढ़ाई करना शुरू कर दिया था और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद रितिका नहीं यूपीएससी की परीक्षा देने का निश्चय किया इस दौरान वह यूपीएससी के तीन स्टेज को क्लियर कर पाई थी परंतु आखिरी लिस्ट में उनका नाम नहीं आया इस दौरान रितिका जिंदल ने एक बार फिर से यूपीएससी परीक्षा देने का निश्चय किया था ।

22 वर्ष की उम्र में बन गई आईएएस

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि पहले प्रयास में सफलता हासिल होने के बाद रितिका ने दूसरे प्रयास में कड़ी मेहनत और नई रणनीति के साथ सफलता हासिल करने का प्रयास किया इस दौरान रितिका ने वर्ष 2018 में भारत द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में 88 वी रैंक हासिल कर अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया था , उस वक्त रितिका जिंदल की उम्र केवल 22 वर्ष थी ।

एग्जाम से पहले पिता को हो गई थी कैंसर की बीमारी

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि रितिका जब अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा दे रही थी तब उनके पिता को टंग कैंसर (Oral Cancer) हो गया था ।

फिर भी उन्होंने उन्हीं परिस्थितियों में सफलता हासिल करने का प्रयत्न किया, इससे रितिका की पढ़ाई भी काफी अधिक प्रभावित हुई थी इस दौरान रितिका ने अपने दूसरे प्रयास में संघर्षपूर्ण स्थितियों में भी यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर दिखाई।

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