आज हम बात करने वाले हैं बाराबंकी जिले के रहने वाले सफल किसान अमरेंद्र प्रताप के बारे में , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अमरेंद्र प्रताप सहफसली तकनीक का उपयोग करके आज लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं ।
इस समय अमरेंद्र प्रताप अपने खेतों में केले के साथ हल्दी की खेती करते हैं साथ ही साथ इनकी इस तकनीक को देखकर उनके क्षेत्र के और भी किसान इस प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल करके लाखों का मुनाफा अर्जित करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं ।
जैसे की हम सभी जानते हैं की खेती युक्त भूमि और मिट्टी की उत्पादन क्षमता लगातार घटती जा रही है इस दौरान सभी किसानों की खेती पर काफी भारी असर पड़ा है ।
इस प्रकार के कार्यों से निपटने के लिए किसानों ने नई तकनीक को निकाला है , इस तकनीक के द्वारा ही उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रहने वाले किसान एक खेत ने कई तरह की फसलों को लगाकर काफी अधिक मुनाफा कमा रहे हैं ।
इस प्रकार करते हैं केले के साथ हल्दी की खेती
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रहने वाले अमरेंद्र प्रताप अपने खेत में केले की खेती के साथ-साथ हल्दी की खेती कर रहे हैं उनकी यह तकनीक का नाम सहफसली तकनीक है इसका उपयोग इस क्षेत्र के कई किसान करते हैं और काफी अधिक मुनाफा भी अर्जित कर रहे हैं ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अमरेंद्र प्रताप को केले के साथ हल्दी की खेती साथ ही साथ कई उन्नतशील खेती के कार्य करने के लिए प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम आदित्यनाथ योगी के द्वारा कई उन्नतशील पुरस्कारों द्वारा सम्मानित किया गया है ।
केले की फसल के साथ हल्दी की खेती है काफी लाभदायक
बातचीत के दौरान अमरेंद्र प्रताप बताते हैं कि वह अपने खेतों में केले की फसल के साथ हल्दी की खेती करते हैं इस दौरान केले की फसल या फिर हल्दी की खेती पर किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है और ना ही किसी भी प्रकार का प्रभाव पड़ता है ।
हालांकि उनका कहना है कि केले की फसल के साथ हल्दी की खेती करने से केले की गुणवत्ता बढ़ जाती है और केले का आकार भी बड़ा होता है ।
अमरेंद्र प्रताप बताते हैं कि हल्दी की फसल को पूरा होने के लिए करीब 1 वर्ष का समय लगता है अन्यथा दोनों की खेती करने से केले की खेती भी 12 से 14 महीने में पूरी हो जाती है ।
विशेषज्ञों के अनुसार सहफसली तकनीक का उपयोग से केले और हल्दी की खेती एक साथ की जाने पर दोनों की गुणवत्ता काफी अधिक बढ़ जाती है अन्यथा किसानों को मुनाफा भी अधिक होता है साथ ही साथ आज अमरेंद्र प्रताप की सफलता से प्रेरित होकर क्षेत्र के कई किसान इस तकनीक का उपयोग करने की राह पर चल पड़े हैं।
होता है 2 गुना ज्यादा लाभ
अमरेंद्र प्रताप बताते हैं कि एक किसान होने के नाते वह सहफसली तकनीक का उपयोग करके 2 गुना ज्यादा लाभ कमाते हैं उदाहरण के तौर पर अमरेंद्र प्रताप बताते हैं कि 1 हेक्टेयर भूमि में वह केले की खेती करके 10 लाख का अतिरिक्त मुनाफा अर्जित कर लेते हैं ।
एक हेक्टर भूमि में ही वह हल्दी की खेती भी करके तीन से चार लाख का अधिक मुनाफा अर्जित करते हैं इस दौरान वह बताते हैं कि एक हेक्टर भूमि में दो फसलें करने से मुनाफा दोगुना होता है ।
अमरेंद्र प्रताप बताते हैं कि पहले एक हेक्टेयर भूमि में परंपरागत खेती करके फसलों का उत्पादन करते थे परंतु अब वहन परंपरागत खेती से हटकर है सहफसली खेती का उपयोग करके एक हेक्टेयर भूमि काफी अधिक मुनाफा अर्जित करते हैं ।
अमरेंद्र प्रताप कहते हैं कि पहले जब वह परंपरागत खेती करते थे तो वह अपनी सभी फसलों से केवल 15 लाख का मुनाफा अर्जित करते थे परंतु अब वह केवल सहफसली तकनीक का उपयोग करके काफी अधिक मुनाफा अर्जित करते हैं ।
अमरेंद्र प्रताप द्वारा सहफसली तकनीक को देख कर उनके क्षेत्र के आसपास और किसान सहफसली का उपयोग करके अधिक मुनाफा अर्जित मैं लगे हुए हैं ।