बड़े दिनों से कुछ लिखने का सोच ही रह था उंगलियों में फड़फड़ाहट मची थी तभी सामने बैठे सख्श पर नजर पड़ी ,सरल, सीधे और एक अच्छा ब्यक्तित्व रखने वाले इंसान पर नजर पड़ी खैर मैं काफी दिनों से नही जानता था ।
उनके बारे में पर जितने दिन साथ रहा या जितना मैं जाना उनके साथ रहकर कि काम कैसे किया जाता है या कितने सरल तरीक़े से काम को कम समय मे किया जा सकता है ये उनसे सीखने को मिला उनके ब्यवहार के बारे में पता चलता गया मिलनसार और बिन चिड़चिड़ापन के किसी भी काम को अपना काम छोड़कर बताना या समझाना की ये काम ऐसे किया जाता है ।
ये उनमें नजर आया,खैर वो महाराष्ट्र से हैं नाम सुयोग जाधव सर, सीनियर ऑफिसर हैं अशोका बिल्डिकोन लिमिटेड कंपनी में पर ऐसा कभी उनके साथ काम करके नही लगा कि मैं कुछ महीनों से उनके साथ हूँ हालांकि व्व इस कम्पनी में 13 साल से काम कर रहे हैं ।
एक अच्छा अनुभव और एक अच्छा निर्देशन अपने अंदर रखते हैं, हर इंसान अपने इर्द गिर्द अच्छे ब्यक्ति को रखना चाहता है मैं भी बहुत लकी रहा कि कुछ दिन उनके साथ काम करने का मौका मिला या यूं कहें कि उनके इर्द गिर्द रहने का मौका मिला।
मैं इस फील्ड में नया आया तो ब्यवहार तो सबका ही बहुत सकारात्मक रहा अच्छा रहा पर जो एक मिठास होनी चाहिए व्यवहार में वो सिर्फ आपमे ही देखने को मिली।
किसी सीनियर के ब्यवहार की भाषा से और उसके सहयोग से कोई जूनियर एम्प्लाइ आगे बढ़ता है और आपका हमेसा सहयोग रहता है कि आपके द्वारा जो सहयोग हो वो जूनियर एम्प्लाइ को सीखाने में और समझाने में मदद हो और हमेसा ही ऐसा ब्यवहार रखिएगा क्यों कि आपको अंकुल जैसा जूनियर हमेसा मिलते रहेंगे जो आपसे ऐसी ही हेल्प की और ऐसे ही प्यार की उम्मीद करेंगे ।।।।
ये लाइन हमारे सीनियर सर सुयोग जाधव सर को समर्पित ,,,,
लेखक : अंकुल त्रिपाठी निराला
(प्रयागराज )
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